Reported By : Raj laxmi
Published On : April 20, 2021
कोरोना महामारी से जूझ रहे पूरे विश्व के सामने उम्मीद की किरण के तौर पर आज वैक्सिन अस्तित्व में है। इसके साथ ही वैक्सिन के विभिन्न प्रकारों के साथ अजब विश्व भर में वैक्सिनेशन की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसका अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि भूटान अपने 62 फीसदी लोगों को कोरोना वायरस वैक्सीन की डोज दे चुका है।
एक तरह जहां भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर से बुरी तरह जूझ रहा है, तो वहीं पड़ोसी देश भूटान के लिए यह एक बहुत अच्छी खबर है। हिमालय में बसे इस छोटे से देश ने वैक्सीनेशन के मामले में दुनिया के विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है।
93% युवा आबादी को भूटान में लग चुकी है कोरोना वैक्सिन
भूटान की आबादी की बात हो तो यह करीब साढ़े 7 लाख से 8 लाख के बीच है। 27 मार्च से लेकर अब तक, भूटान 93% फीसदी युवाओं को वैक्सीन दे चुका है. कुल आबादी की बात की जाए तो 60% लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। वहीं, worldometers के डेटा के मुताबिक, भूटान में कोरोना वायरस के अब तक 927 मामले सामने आए हैं, जिसमें से 1 की मौत हो गई है और 878 मरीज रिकवर कर चुके हैं. जनवरी 2021 में पीक देखा गया था, जब देश में 300 से ज्यादा एक्टिव केस थे।
61% आबादी के वैक्सिनेशन के साथ इजराइल हुआ मास्क फ्री
भूटान के बाद वैक्सिनेशन की राह में आगे निकल गया है, वह है इजरायल, जो अपनी 61% आबादी को वैक्सीन दे चुका है। करीब 90 लाख की आबादी वाले इजरायल में 20 दिसंबर को कोराना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन शुरू हुआ था। इजरायल में नागरिकों को फाइजर और मॉर्डना वैक्सीन लगाई गई हैं। हाल में ही देश में मास वैक्सीनेशन और कोरोना के कम होते आंकड़ों को देखते हुए इजरायली सरकार ने हाल ही में पब्लिक में मास्क पहनने की अनिवर्यता को भी खत्म कर दिया। इसके अलावा, इजरायल में स्कूलों को भी पूरी तरह से खोला जा रहा है।
सक्सेस स्टोरीज में काफी पीछे खड़ा है भारत
इन सक्सेस स्टोरीज के बीच अब बात उठती है भारत की। 130 करोड़ की आबादी वाला भारत आज के समय में कोविड कई दूसरी लहर से जूझ रहा है। यहाँ प्रतिदिन 2.50 लाख से अधिक संक्रमितों के आंकड़े आ रहे हैं। इस बीच सवाल उठता है कि वैक्सीनेशन की इस सक्सेस स्टोरी में अपना देश भारत कहां खड़ा है। तो जवाब है, काफी पीछे। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 12.30 करोड़ लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज दी चुकी है। ये आबादी का दस फीसदी भी नहीं है।
तीन महीने बाद केवल 12 करोड़ लोगों को लगी है वैक्सिन
भारत में वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए टीका उत्सव जैसे कार्यक्रम भी चलाए गए, लेकिन उसके बावजूद टीकाकरण में कोई खास तेजी नहीं है। टीका उत्सव के चार दिनों में केवल 1.12 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी गई। भारत में जनवरी 2021 में सीरम इंस्टीट्यूट में बनने वाली ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी दी गई। 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू हुआ, और तीन महीने बाद हम केवल 12 करोड़ लोगों को वैक्सीन दे पाए हैं, और वो भी दोनों डोज नहीं।
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