Reported By : Desk
Published On : May 11, 2021
नेपाल में विश्वास मत को लेकर संसद का स्पेशल सेशन बुलाया गया था। इस स्पेशल चले सेशन ने नेपाल की पूरी राजनीतिक व्यवस्था को ही उलट कर रख दिया। इस सेशन के समापन के साथ ही नेपाल में एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है। इसमें नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली संसद में विश्वास मत साबित करने में कामयाब नहीं हो पाए। जिसके बाद उन्होंने नेपाली संसद के निचले सदन में बहुमत खो दिया है।
पक्ष से अधिक विपक्ष में पड़े वोट और घिसक गई कुर्सी
इसकी गूंज तब उठी जब सबसे पहले नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी ने ओली सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था, जिसके बाद केपी ओली की सरकार अल्पमत में आ गई। इसके बाद संसद में विश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद ओली को उम्मीद थी कि वो अन्य दलों की सहायता से बहुमत साबित कर लेंगे। लेकिन विश्वास मत के दौरान ऐसा नहीं हुआ। ओली के विपक्ष में ज्यादा वोट पड़े। जिसके बाद अब केपी ओली के हाथों से प्रधानमंत्री का पद चला गया है।
सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की ओली को निकालने की घोषणा के बाद उठे थे विरोध के स्वर
विरोध में उठ रहा यह स्वर तक कि है जब कुछ महीनें पहले ही पीएम केपी ओली को सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी ने निकलने की घोषणा की थी। ओली के खिलाफ लगातार विरोधी सुर उठ रहे थे। इसका कारण नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में दो अलग-अलग गुट बनना है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के बड़े नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड ने अपना अलग धड़ा बना लिया। जिसके बाद ओली को पद से हटाने की कवायद शुरू हो गई।
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