Call or email us for advertisements

Phone: +919031336669

Email: [email protected]

भारत-चीन टेंशन के बीच व्यापार पर एक नज़र

Reported By : Desk

Published On : June 17, 2020

भारत-चीन के बीच मौजूदा तनाव का असर सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं बल्कि दोनों देशों के कारोबारी रिश्तों पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। दरअसल भारत की बड़ी टेक कंपनियों में चीनियों ने पहले हिस्सेदारी लेनी शुरू की। ऐसा इसलिए हुआ कि भारत में एक तरग अमीर वेंचर कैपिटलिस्ट नहीं थे जो इन कंपनियों में पैसा लगा पाते, तो वहीं भारत की नीतियां भी देशी निवेशकों को हतोत्साहित करती हैं। चीन ने इसी कमज़ोरी का फायदा उठाया।

क्विंट में छपी खबर के अनुसार भारत में चीन का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) करीब 6 बिलियन डॉलर है। खास बात यह है कि लगभग इसका दो तिहाई भारत के स्टार्टअप सेक्टर में लगा है।

3 बिलियन का कारोबार अब 95.54 बिलियन हो चुका है

द इंडियन एक्सप्रेस अखबार के अनुसार भारत-चीन व्यापार साल 2000 में 3 बिलियन डॉलर का था। जो 2018 में बढ़कर 95.54 बिलियन डॉलर हो गया। हालांकि भारत इसमें बड़ा व्यापार घाटा उठाता रहा है। जबकि साल 2018 में व्यापार घाटा 57.86 बिलियन डॉलर आंका गया था।

भारत चीन के उत्पादों के लिए सातवां सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन

2018 में भारत चीन के उत्पादों के लिए 7वां सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन बना। जबकि चीन के लिए भारत 27वां सबसे बड़ा निर्यातक था। वर्तमान में भारत के FDI चार्ट पर चीन 18वें नंबर पर आता है। 

“डिजिटल इंडिया” पर चीन की मज़बूत पकड़

ज्ञात हो कि पिछले 5 सालों में भारतीय टेक स्टार्टअप्स ने चीनी निवेशकों को काफी आकर्षित किया है। चीन ने भारत के टेक स्टार्टअप्स में पिछले पांच वर्षों में चार बिलियन डॉलर लगाए। इसके साथ ही चीन ने भारत की ऑनलाइन दुनिया पर अपना दबदबा खूब बना लिया।

इन कम्पनियों में टिकटॉक, अलीबाबा, टेनसेंट, शाओमी, और ओप्पो भारत में छाए हुई हैं। जबकि पेटीएम का 40% शेयर अलीबाबा के पास है। हालात यह हैं कि भारत की फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, स्विगी, जोमैटो, ओला, ओयो, बिग बास्केट समेत कई कंपनियों में चीनी निवेश मौजूद है।

भारत में करीब 30 यूनीकॉर्न यानी एक अरब डॉलर वैल्यूएशन वाली कंपनियां भी मौजूद हैं। जिनमें से 18 में चीन के निवेशकों का पैसा लगा है। इस तरह चीन ने भारत के इर्दगिर्द वर्चुअल बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव बना दिया है।

HDFC में बैंक ऑफ चाइना का निवेश है

पिछले दिनों पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने HDFC में अपने निवेश को बढ़ाकर एक पर्सेंट से ज़्यादा कर दिया। तब भारत सरकार ने विदेशी निवेश के नियमों में बदलाव कर दिए।


Khabar Khand

The Khabar Khand. Opinion of Democracy

Related Posts

नहीं रहे फर्राटा धावक मिल्खा सिंह, हाल में दी थी कोरोना को मात

भारत के महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह का एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद शुक्रवार (18 जून) को निधन हो गया। उनके परिवार के एक प्रवक्ता ने…

June 19, 2021

मेडीकल इक्विपमेंट्स की खरीदारी पर 10 लाख से भी अधिक के सायबर क्राइम के शिकार हुए अशोक

ऑनलाइन के इस ट्रेंड में चीज़े जितनी आसान हुई है, वहीं ऑनलाइन फ्रॉड व साइबर क्राइम की संभावना भी अधिक हो गई है। इसी तरह ऑनलाइन मेडिकल इक्विपमेंट्स की खरीदारी…

June 17, 2021

पत्रकार की हत्या पर शुरू हुई यूपी में राजनीति, पुलिस सड़क हादसा तो विपक्ष बता रहा शराब माफियों की साजिश

इन दिनों उत्तर प्रदेश में एबीपी के पत्रकार की संदेहास्पद स्थिति में मौत का विषय काफी राजनीतिक सुर्खियां भी बटोर रहा है। दरअसल, सुलभ श्रीवास्तव ने अपने मौत के ठीक…

June 14, 2021